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Friday, April 19, 2024
ट्रेलर रिव्यू | Cinema Desk अनुराग कश्यप निर्देशित फ़िल्म का ट्रेलर नेटफ़्लिक्स ने रीलीज़ कर दिया है। फ़िल्म में मुख्य किरदार निभाया है सय्यामी खेर ने। अनुराग इसके पहले भी ओटीटी के लिए फ़िल्म्स बना चुके हैं। फ़िल्म के ट्रेलर रीलीज़ होने के बाद डिजिटल मीडिया पर काफ़ी तारीफ़ मिल...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Cinema Desk "मैं सोचती रही, तुम रचना कर रहे हो और मैं सार्थक हो रही हूं", ये भावपूर्ण संवाद, किसी ग्रंथ में भरतमुनि के वर्णित विधियों के अनुसार बोलते किसी ऐतिहासिक पात्र का नहीं, लेकिन अभिनय के लिए वांछित सभी गुणों को धारण किए हुए,...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Cinema Desk कई क्षेत्रीय फ़िल्में, 1960-1970 के बीच, यथार्थवाद से प्रेरित होकर, समाज और उसमें होने वाली घटनाओं को प्रदर्शित कर रही थीं, लेकिन हिन्दी सिनेमा ने ऐसी प्रस्तुतियां, 1950-1960 के बाद कम ही कर दी थीं। हृषिकेश मुखर्जी और बासू चटर्जी जैसे निर्देशक, अपनी फ़िल्मों...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Cinema Desk भारतीय सिनेमा का आसमान जितना बड़ा है, उतने ही ज़्यादा हैं, इसके सितारे, जो खो गए, जो बुझ जाने तक की उम्र भी पूरी न कर पाए। ये रंगीन आसमान, सिर्फ ख़ुशी और कामयाबी से ख़ूबसूरत नहीं, इसमें निराशा और असफलता के भी रंग...
डॉ. कुमार विमलेन्दु सिंह | Cinema Desk "राजा हरिश्चंद्र" से भारतीय सिनेमा की शुरुआत हुई और समय बीतने के साथ इसने वो जगह पाई, कि आज इससे बड़ा और सशक्त कोई माध्यम ही नहीं है, विचारों को प्रकट करने का, धारणाओं को प्रदर्शित करने का।  कभी-कभी ये प्रश्न मन में...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk सिनेमा ने जीवन के हर रंग को सहेजा है और जब जैसी स्थिति बनी है, उसे प्रस्तुत किया है और याद दिलाया है कि एकरसता के प्रभाव में भुला दिए गए, कई रंग, हमारे ही हैं। हास्य या कॉमेडी भी मानव सभ्यता की ऐतिहासिक...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Cinema Desk विश्व में सिनेमा ने अपने लिए एक महत्वपूर्ण जगह बना ली है। हमारे देश में फ़िल्में बहुत प्रचलित हैं और लोगों की मान्यताओं और उनके व्यवहार पर , इनका गहरा असर रहा है। लेकिन विश्व के अन्य देशों में ये असर हमारे देश...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Cinema Desk विश्व सिनेमा ने जिस पैमाने पर मानव सभ्यता को प्रभावित किया है, शायद ही किसी और माध्यम ने कभी किया। आज पूरे विश्व के लगभग हर देश में फ़िल्में बनती हैं और हर तरीके की फ़िल्में बनती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात तो ये...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Cinema Desk सिनेमा ने बहुत धीरे-धीरे मनोरंजन का साधन मात्र होने से कलात्मक अभिव्यक्ति के सशक्त माध्यम के रूप में स्वीकृत होने तक की यात्रा तय की है। इस माध्यम के अंतर्गत भी विविध शैलियों और विधाओं की स्थापना होती रही है। रोमांटिक फ़िल्में, पारिवारिक...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Editorial Desk द्वितीय विश्व युद्ध का पूरी दुनिया पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा और जीवन के हर आयाम ने परिवर्तन का अनुभव किया। कलात्मक अभिव्यक्तियों में भी नई प्रवृत्तियां दिखीं और चूंकि सिनेमा भी ऐसी ही अभिव्यक्ति के सशक्त माध्यम के रूप में उभर रहा...